Bigg Boss 18 के घर में एक बार फिर से बवाल मचा हुआ है। इस बार बवाल का केंद्र बनी हैं श्रुतिका अर्जुन। श्रुतिका को Bigg Boss ने नॉमिनेशन का जिम्मा सौंपा था, लेकिन उन्होंने इस जिम्मेदारी को निभाने में बड़ी गलती कर दी। जिसकी वजह से पूरे घरवालों का एक हफ्ते का राशन बर्बाद हो गया।
क्या हुआ था?
Bigg Boss ने श्रुतिका को एक स्पेशल पावर दी थी। जिसके तहत उन्हें घरवालों को नॉमिनेट करने का अधिकार दिया गया था। लेकिन श्रुतिका ने इस पावर का गलत इस्तेमाल किया और अपने मन मुताबिक लोगों को नॉमिनेट किया। बिग बॉस ने श्रुतिका को बार-बार समझाया कि उन्हें सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए, लेकिन श्रुतिका अपनी जिद्द पर अड़ी रहीं।
श्रुतिका के इस गलत फैसले की वजह से घरवालों को एक टास्क करना पड़ा। इस टास्क में उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ खेलना था। लेकिन घरवाले इस टास्क को पूरा नहीं कर पाए और अपनी हार मान ली। जिसकी वजह से उनका एक हफ्ते का सारा राशन बर्बाद हो गया।
घरवालों की प्रतिक्रिया
घरवालों ने श्रुतिका के इस फैसले पर बहुत नाराजगी जताई। उनका कहना है कि श्रुतिका ने अपनी स्वार्थ के लिए पूरे घरवालों को परेशानी में डाल दिया। कुछ घरवालों ने तो श्रुतिका को दोषी ठहराते हुए कहा कि उन्हें शो से बाहर कर देना चाहिए।
बिग बॉस ने क्या कहा?
बिग बॉस ने श्रुतिका को उनकी इस गलती के लिए फटकार लगाई। Bigg Boss ने कहा कि श्रुतिका को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि श्रुतिका ने एक लीडर के रूप में अपनी भूमिका निभाने में पूरी तरह से विफल हो गई हैं।
श्रुतिका ने क्या कहा?
श्रुतिका ने अपनी गलती मान ली है। उन्होंने कहा कि वह इस बात से बहुत दुखी हैं कि उनके फैसले की वजह से घरवालों का राशन बर्बाद हुआ है। उन्होंने कहा कि वह घरवालों से माफी मांगती हैं।
श्रुतिका का सफर
श्रुतिका Bigg Boss के घर में आने के बाद से ही काफी चर्चा में रही हैं। उन्होंने कई बार अपनी बात रखने के लिए लड़ाई लड़ी है। लेकिन इस घटना के बाद उनकी छवि पर काफी दाग लग गया है।
क्या होगा आगे?
यह देखना दिलचस्प होगा कि श्रुतिका Bigg Boss के घर में आगे क्या करती हैं। क्या वह इस घटना से उबर पाएंगी या फिर उन्हें घर से बाहर जाना होगा? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।
निष्कर्ष
Bigg Boss 18 में श्रुतिका का यह मामला हमें यह सिखाता है कि किसी भी फैसला लेने से पहले हमें सोच-समझकर काम करना चाहिए। हमें दूसरों के बारे में भी सोचना चाहिए और अपने फैसले से दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।