Tungnath Temple: पहाड़ों को छूने का सपना हर किसी का होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान शिव का दर्शन बादलों के ऊपर, पहाड़ों की चोटी पर भी किए जा सकते हैं? जी हां, उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है ऐसा ही अनोखा मंदिर – तुंगनाथ!
तुंगनाथ मंदिर समुद्र तल से 3460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यानी करीब 3.5 किलोमीटर! यह ना सिर्फ भगवान शिव को समर्पित पंचकेदारों में से सबसे ऊंचा मंदिर है, बल्कि दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिरों में से भी एक है।
चलिए, आज हम इस खूबसूरत मंदिर के बारे में रोचक जानकारी हासिल करते हैं!
तुंगनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है। जी हां, आपको करीब 3 किलोमीटर का सुंदर ट्रैक पूरा करना होता है। ये ट्रैक चोपता नामक जगह से शुरू होता है, जो अपने आप में बहुत ही खूबसूरत है। ट्रैक के दौरान आपको मनमोहक बुरांश के जंगल और चारों तरफ फैली बर्फ से ढकी पहाड़ियां देखने को मिलेंगी।
कहा जाता है कि तुंगनाथ मंदिर 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस मंदिर का निर्माण किसने करवाया, इस बारे में कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन मान्यता है कि महाभारत के पाण्डवों ने भगवान शिव को खुश करने के लिए इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों को अपने किए पर पछतावा हुआ। उनका मानना था कि युद्ध में उन्होंने अपने ही लोगों को मार डाला है, जिसके कारण उन्हें पाप लगा है। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए भटकते हुए वे हिमालय पहुंचे। वहां भगवान शिव उनसे मिलने से इनकार कर देते हैं। शिव को रिझाने के लिए पांडवों ने उनकी पूजा की और उनका आश्रय मांगा।
तब भगवान शिव बैल के रूप में प्रकट हुए। पांडव उनके पीछे दौड़े। शिव का शरीर अलग-अलग जगहों पर गिरा, जिन्हें आज पंचकेदार के नाम से जाना जाता है। तुंगनाथ में भगवान शिव के कंधे गिरे, इसलिए यहां भगवान शिव का बैल का मुख (नंदी) रूप माना जाता है।
जब आप तुंगनाथ मंदिर पहुंचते हैं, तो आपको न सिर्फ भगवान शिव के दर्शन का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि वहां से पूरे हिमालय का अदभुद नजारा भी देखने को मिलता है। बर्फ से ढकी चोटियां, दूर तक फैला हुआ हरा मैदान और साफ आसमान – ये नजारा किसी को भी मंत्रमुग्ध कर देता है।
हिमालय का अदभुद नजारा
तुंगनाथ ऋषिकेश या हरिद्वार से आप रुद्रप्रयाग पहुंच सकते हैं। रुद्रप्रयाग से आपको मंदिर तक जाने के लिए 19 किलोमीटर का सफर तय करना होता है। आप जीप या टैक्सी किराए पर लेकर मन गाँव तक जा सकते हैं। मन गाँव से ही तुंगनाथ मंदिर का 3 किलोमीटर का ट्रैक शुरू होता है।
तुंगनाथ में होटल जैसी कोई सुविधाएं नहीं हैं। आप रात को रुद्रप्रयाग या चोपता में रुक सकते हैं। चोपता में कुछ धर्मशालाएं भी हैं। तो अगर आप घूमने का शौक रखते हैं और साथ ही धार्मिक हैं, तो तुंगनाथ मंदिर आपके लिए एकदम सही जगह है!
यात्रा के आसपास घूमने की जगहें