
Kishan Andolan: भारत के किसानों का आंदोलन, जो देश के कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से चल रहा है, एक बार फिर सुर्खियों में है। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और इस आंदोलन को दबाने के लिए सरकार कई तरह के हथकंडे अपना रही है। इनमें से एक है किसानों पर डिजिटल स्ट्राइक।
किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके खातों को बंद कर रही है। किसानों ने बताया कि वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपनी मांगों को देश-दुनिया तक पहुंचाने के लिए करते हैं। लेकिन सरकार द्वारा उनके खातों को बंद किए जाने से उनकी आवाज दब रही है।
इस बीच, पंजाब और हरियाणा के किसानों ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के लिए अरदास की है। डल्लेवाल Kishan Andolan के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और उन्होंने किसानों के हितों के लिए कई लड़ाईयां लड़ी हैं। किसानों का मानना है कि डल्लेवाल की गिरफ्तारी से किसान आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
सरकार का कहना है कि नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं और इनसे किसानों की आय बढ़ेगी। सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए कई दौर की बातचीत की है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
Kishan Andolan का देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ रहा है। आंदोलन के कारण कई राज्यों में मंडियों में आवक कम हुई है और इससे सब्जियों और फलों की कीमतें बढ़ गई हैं।
Kishan Andolan अभी भी जारी है और किसानों ने अपनी मांगों पर अड़े रहने का फैसला किया है। सरकार को किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना होगा और जल्द से जल्द कोई समाधान निकालना होगा।
Kishan Andolan भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। किसानों की मांगें जायज हैं और सरकार को किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई फैसला लेना चाहिए। किसानों पर डिजिटल स्ट्राइक करना और उनकी आवाज को दबाना लोकतंत्र के खिलाफ है।